“अत्याचार” (PoA) क्या है?
जब किसी व्यक्ति पर SC/ST होने के कारण सार्वजनिक अपमान, धमकी/मारपीट, संपत्ति का नुकसान या सामाजिक/आर्थिक बहिष्कार किया जाए। PoA तभी लागू होता है जब जाति का उद्देश्य/मंशा स्पष्ट हो। सामान्य झगड़ा या निजी दुश्मनी PoA नहीं है, जब तक जाति का स्पष्ट कोण न हो।
4 आसान जाँच
- क्या जातिसूचक गाली/टिप्पणी हुई या SC/ST होने के कारण निशाना बनाया गया?
- क्या FIR/शिकायत में PoA धारा 3 से जुड़ी बातें (ठीक शब्द, गवाह, ऑडियो/वीडियो) दर्ज हैं?
- क्या घटना सार्वजनिक रूप से/लोगों के सामने हुई, या बार-बार/योजना बनाकर?
- क्या उसी स्थिति में दूसरों को छोड़ा गया लेकिन पीड़ित को चुना गया?
संदेह हो तो FIR में PoA धाराएँ जोड़ने का लिखित अनुरोध दें और ठीक शब्द/गवाह/प्रमाण लगाएँ।
उदाहरण वाक्य
- “स्पेशल कोर्ट ने SC पीड़ित के विरुद्ध हुए अत्याचार का संज्ञान लिया।”
- “FIR में जातिसूचक टिप्पणी लिखी थी, इसलिए PoA धाराएँ जोड़ी गईं।”
- “PoA नियमों के तहत पीड़ित को चरणबद्ध मुआवज़ा मिलता है।”
- “FIR में PoA धाराएँ नहीं थीं, तो पीड़ित ने लिखित आवेदन देकर जोड़ने को कहा।”
कानून क्या करता है
- स्पष्ट अपराध सूची: सार्वजनिक अपमान, धमकी/हमला, संपत्ति नुकसान, सामाजिक/आर्थिक बहिष्कार आदि
- तुरंत कार्रवाई व स्पेशल कोर्ट: FIR, समयबद्ध जाँच और तेज़ सुनवाई
- मुआवज़ा व सहायता: राज्य/केंद्र शेड्यूल अनुसार चरणबद्ध राशि; मेडिकल/पुनर्वास; DBT
- पुलिस/प्रशासन की ज़िम्मेदारी: FIR, सुरक्षा, समय पर रिपोर्टिंग, जिला-स्तरीय मॉनिटरिंग
- पीड़ित/गवाह सुरक्षा: उत्पीड़न रोकथाम व सहायता
- संशोधन: 2015 आदि संशोधनों से प्रावधान मज़बूत हुए (राशि/प्रक्रिया आपके राज्य/केंद्र शेड्यूल के अनुसार)
सटीक राशि के लिए LSO कैलकुलेटर देखें—आपके राज्य/केंद्र के शेड्यूल अनुसार ब्रेकअप दिखता है।
कब बनेगा “अत्याचार मामला”? (3-Check Rule)
- कृत्य PoA सूची में हो (अपमान, धमकी/हमला, संपत्ति नुकसान, बहिष्कार आदि)
- मंशा: SC/ST होने के कारण निशाना बनाया गया
- FIR: सही PoA धाराएँ व तथ्य/शब्द/गवाह दर्ज हों
कोई कड़ी कमज़ोर हो तो FIR/जाँच में लिखित रूप से स्पष्ट करें (ठीक शब्द, तारीख/समय/स्थान, गवाह, प्रमाण)।
SC/ST महिला के लिए
लक्षित हिंसा, अपमान, यौन अपराध और बहिष्कार पर विशेष सुरक्षा; मुआवज़ा चरणों में मिलता है। सटीक राशि/अगला कदम कैलकुलेटर से देखें।
राशि कैसे मिलती है (Stages)
- FIR के बाद — पहला भाग
- चार्जशीट के बाद — दूसरा भाग
- निर्णय/दोषसिद्धि के बाद — अंतिम भाग
प्रतिशत/राशि राज्य/केंद्र शेड्यूल पर निर्भर—कैलकुलेटर में दिखती है।
ज़रूरी दस्तावेज़
- PoA धाराओं सहित FIR व केस नंबर
- पहचान/पता व SC/ST जाति प्रमाण पत्र
- मेडिकल/MLC (चोट हो तो), फोटो/वीडियो, गवाह
- DBT हेतु बैंक विवरण (पासबुक/कैंसिल्ड चेक)
- चार्जशीट (Stage-2), निर्णय/आदेश की प्रमाणित प्रति (Stage-3)
- संपत्ति नुकसान: पंचनामा/वैल्यूएशन
अब क्या करें
- फॉर्म भरें: “क्या हुआ”, आपका स्टेज (FIR/चार्जशीट/निर्णय), मिली राशि दर्ज करें → Calculate → Apply
- LSO आगे संभालेगा: ड्राफ्ट, दस्तावेज़, DM/प्राधिकरण को जमा, पावती, फ़ॉलोअप; PoA धाराएँ न हों तो लिखित अनुरोध
- स्टेटस ट्रैकिंग: देय स्टेज व राशि ट्रैक; DBT क्रेडिट तक समन्वय
पेंडिंग राशि देखें
कैलकुलेटर में Total / Received / Pending / Next Step एक ही स्क्रीन पर दिखेंगे—फिर आवेदन करें, LSO फ़ॉलोअप करेगा।
LSO कैसे मदद करता है
हम फ़ाइल सरल बनाते हैं, चरणवार पत्र लिखते हैं, ज़िला प्रशासन से समन्वय करते हैं और पूरी राशि आने तक फ़ॉलोअप करते हैं। सहायता: 0755-4222969 · support@lsolegal.com