परिचय: आधार में सही नाम क्यों ज़रूरी है?
आधार कार्ड भारत में आपकी पहचान का सबसे अहम दस्तावेज़ है। बैंक खाता खोलना हो, पासपोर्ट बनवाना हो या कोई सरकारी योजना का लाभ लेना हो हर जगह आधार की ज़रूरत होती है।
लेकिन अगर आधार कार्ड में नाम की वर्तनी गलत हो गई हो, शादी के बाद नाम बदल गया हो, या आपने कानूनी रूप से नाम बदलवाया हो तो ऐसे में आधार में नाम अपडेट करना ज़रूरी हो जाता है।
इस लेख में हम आपको बताएँगे कि कैसे आप घर बैठे या ऑफलाइन केंद्र जाकर आधार कार्ड में नाम बदल सकते हैं।
कौन आधार कार्ड में नाम बदल सकता है?
UIDAI के अनुसार, कोई भी भारतीय नागरिक जिसके पास वैध आधार संख्या है, वह नाम बदलने के लिए आवेदन कर सकता है।
एक व्यक्ति अपने जीवन में केवल 2 बार नाम अपडेट कर सकता है, इसलिए यह प्रक्रिया सावधानी से करें।
आधार में नाम बदलने के सामान्य कारण:
- नाम की स्पेलिंग में गलती
- शादी के बाद उपनाम बदलना
- कोर्ट से कानूनी नाम परिवर्तन
- नाम से उपनाम हटाना या जोड़ना
जरूरी दस्तावेज़ (Proof of Identity – POI):
आपको ऐसा कोई दस्तावेज़ देना होगा जिसमें आपका सही नाम लिखा हो।
मान्य दस्तावेज़ों की सूची (कोई एक):
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट
- वोटर आईडी
- ड्राइविंग लाइसेंस
- राशन कार्ड (फोटो सहित)
- विवाह प्रमाण पत्र
- गजट नोटिफिकेशन (कानूनी नाम परिवर्तन पर)
- सेवा पुस्तिका (सरकारी कर्मचारी के लिए)
- नोटरी शपथ पत्र (कुछ मामलों में मान्य)
टिप: विवाहित महिलाओं के लिए शादी का प्रमाणपत्र और पति का पहचान पत्र भी उपयोगी होता है।
तरीका 1: ऑनलाइन नाम परिवर्तन (MyAadhaar पोर्टल द्वारा)
यदि आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक है, तो आप घर बैठे ऑनलाइन नाम अपडेट कर सकते हैं।
स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया:
- वेबसाइट खोलें: https://myaadhaar.uidai.gov.in
- “Login” पर क्लिक करें और OTP से लॉगिन करें
- “Update Aadhaar Online” ऑप्शन चुनें
- “Name” विकल्प पर क्लिक करें
- नया सही नाम दर्ज करें
- दस्तावेज़ (PDF या JPG) अपलोड करें
- ₹50 का भुगतान करें
- सबमिट करके रिसिप्ट डाउनलोड करें
समय: 5 से 7 कार्य दिवसों में अपडेट
स्टेटस चेक करने के लिए उसी पोर्टल पर SRN नंबर से ट्रैक करें
तरीका 2: ऑफलाइन नाम परिवर्तन (आधार सेवा केंद्र द्वारा)
यदि आपका मोबाइल आधार से लिंक नहीं है या ऑनलाइन प्रोसेस सफल नहीं हो पा रहा है, तो आप नजदीकी आधार केंद्र पर जाकर भी नाम बदल सकते हैं।
प्रक्रिया:
- नजदीकी आधार सेवा केंद्र जाएं (UIDAI वेबसाइट से पता करें)
- नाम सुधार फॉर्म भरें
- दस्तावेज़ की स्वयं प्रमाणित कॉपी संलग्न करें
- बायोमेट्रिक सत्यापन होगा
- ₹50 फीस जमा करें
- URN नंबर वाली पावती प्राप्त करें
समय: 7 से 10 कार्य दिवसों में अपडेट
अपडेट स्टेटस कैसे देखें?
- वेबसाइट खोलें: https://myaadhaar.uidai.gov.in
- “Check Update Status” पर जाएं
- आधार नंबर और SRN/URN डालें
- लाइव स्थिति देखें (Pending / Approved / Rejected)
अपडेटेड आधार कार्ड कैसे डाउनलोड करें?
नाम अपडेट होने के बाद आप नया आधार इस तरह डाउनलोड कर सकते हैं:
- वेबसाइट: https://eaadhaar.uidai.gov.in
- आधार नंबर डालें, OTP से वेरीफाई करें
- PDF फाइल डाउनलोड करें
- पासवर्ड: नाम के पहले 4 अक्षर + जन्म वर्ष (YYYY)
नाम अपडेट की फीस कितनी है?
माध्यम |
फीस |
ऑनलाइन (स्वयं सेवा) |
₹50 |
ऑफलाइन (सेवा केंद्र पर) |
₹50 |
निष्कर्ष
आधार में नाम सही होना आज के समय में आपकी पहचान की बुनियाद है। चाहे वह स्पेलिंग की गलती हो या शादी/कानूनी नाम परिवर्तन – सही तरीका अपनाकर आप आसानी से अपना नाम अपडेट कर सकते हैं।
? ऑनलाइन तरीका आसान और तेज़ है
? ऑफलाइन तरीका तब उपयोगी है जब मोबाइल लिंक न हो
अगर आप कानूनी रूप से नाम बदल रहे हैं...
तो पहले आपको ये तीन काम करने होंगे:
- शपथ पत्र बनवाना (Notarized Affidavit)
- अखबार में विज्ञापन प्रकाशित कराना
- राजपत्र (Gazette) में नाम प्रकाशित कराना
इसके बाद ही आप आधार कार्ड में नया नाम अपडेट करवा सकते हैं।
राजपत्र (Gazette) के माध्यम से कानूनी प्रक्रिया
अगर आप अपने आधार कार्ड में केवल वर्तनी (spelling) नहीं, बल्कि पूरा नाम बदलना चाहते हैं, तो यह एक कानूनी प्रक्रिया है। इसके लिए आपको राजपत्र (Gazette Notification) की आवश्यकता होती है, जो यह प्रमाणित करता है कि आपने आधिकारिक रूप से अपना नाम बदलवाया है।
आधार में नाम बदलने के लिए राजपत्र क्यों ज़रूरी है?
आधार UIDAI द्वारा जारी किया गया एक आधिकारिक सरकारी दस्तावेज़ है। जब आप आधार में नाम बदलवाने का अनुरोध करते हैं, तो UIDAI आपसे वैध कानूनी प्रमाण मांगता है। राजपत्र भारत सरकार (केंद्रीय या राज्य) द्वारा प्रकाशित एक ऐसा वैध दस्तावेज़ होता है, जिसमें यह घोषित किया जाता है कि आपने कानूनी रूप से अपना नाम बदलवाया है। इसलिए यदि आप केवल वर्तनी नहीं, बल्कि पूरा नाम बदल रहे हैं, तो राजपत्र अनिवार्य होता है।
अक्सर सामान्य नागरिकों को यह प्रक्रिया पहली बार में लंबी, कठिन और उलझन भरी लगती है। यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि हर किसी को कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं होती। लेकिन जब सही और स्पष्ट मार्गदर्शन मिलता है, तो यही प्रक्रिया आसान, सीधी और पूरी तरह व्यावहारिक महसूस होने लगती है।
आपको विधिक रूप से नाम परिवर्तन करने के लिए नीचे दिए गए 3 चरणों का पालन करना होगा:
चरण 1: एफिडेविट (हलफ़नामा) बनवाना
नाम परिवर्तन की प्रक्रिया की शुरुआत एक एफिडेविट से होती है, जिसे स्टांप पेपर पर तैयार किया जाता है। इस एफिडेविट में आपको स्पष्ट रूप से यह बताना होता है:
- आप स्वेच्छा से अपना नाम बदल रहे हैं
- आपका पुराना नाम और नया नाम क्या है
- नाम परिवर्तन का कारण क्या है
इस एफिडेविट को आपको नोटरी पब्लिक से सत्यापित कराना होता है।
कब ज़रूरी है प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट से सत्यापन?
यदि आप ऐसा नाम या उपनाम चुनते हैं जो आपके पारिवारिक रिकॉर्ड में पहले नहीं रहा है या नाम परिवर्तन का कारण गोद लेना, लिंग पहचान में बदलाव, या अन्य कोई विशेष कारण है तो ऐसे मामलों में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट से सत्यापन आवश्यक हो जाता है।
यह प्रक्रिया सुनने में थोड़ी जटिल लग सकती है, लेकिन अगर आपको सही मार्गदर्शन मिले, तो यही एफिडेविट आपकी कानूनी प्रक्रिया की सबसे मजबूत नींव बनता है।
चरण 2: समाचार पत्र में विज्ञापन देना
दूसरे चरण में आपको अपने नाम परिवर्तन की सूचना एक राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र (हिंदी या अंग्रेज़ी) में प्रकाशित करवानी होती है।
यह क्यों ज़रूरी है?
यह केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक कानूनी और सार्वजनिक सूचना प्रक्रिया है, जिससे भविष्य में कोई भी व्यक्ति या संस्था आपके नाम परिवर्तन पर आपत्ति न कर सके।
ध्यान रखें:
- केवल राष्ट्रीय समाचार पत्र का विज्ञापन मान्य होता है
- स्थानीय या क्षेत्रीय अखबार मान्य नहीं होते
- पूरी अखबार की मूल प्रति (Original) ही जमा करनी होती है – कटिंग या फोटोकॉपी स्वीकार नहीं होती
यदि आप इस चरण में गलती करते हैं, तो आगे की पूरी प्रक्रिया रुक सकती है या आवेदन अस्वीकृत हो सकता है।
चरण 3: राजपत्र अधिसूचना (Gazette Notification) प्रकाशित कराना
यह अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है। इसमें आपको अपने नाम परिवर्तन को लेकर एक आवेदन भारत सरकार (Central Gazette) या राज्य सरकार के गजट विभाग में करना होता है, जहाँ आपका नया नाम प्रकाशित किया जाता है।
केंद्र सरकार का गजट क्यों उपयुक्त माना जाता है?
केंद्रीय राजपत्र (Central Gazette) पूरे भारत में सभी सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों द्वारा मान्य होता है — जैसे कि बैंक, पासपोर्ट कार्यालय, सरकारी विभाग, आदि।
यदि आप चाहते हैं कि भविष्य में आपके नए नाम को लेकर किसी भी दस्तावेज़ में कोई अड़चन न आए, तो केंद्रीय गजट में प्रकाशन करवाना सबसे सुरक्षित और मान्य तरीका है।
आधार कार्ड के मामले में क्या राज्य गजट मान्य है?
हाँ। UIDAI (आधार विभाग) केंद्र या राज्य दोनों के गजट प्रकाशन को मान्य प्रमाण मानता है।
इसका मतलब है कि आप चाहें तो:
- राज्य सरकार के राजपत्र में अपना नाम प्रकाशित करवा सकते हैं
- या फिर भारत सरकार के केंद्रीय राजपत्र में
दोनों ही स्थिति में आधार कार्ड में नाम बदलवाना संभव है, बशर्ते कि बाकी दस्तावेज़ (एफिडेविट और अखबार विज्ञापन) सही तरीके से तैयार हों।
हालांकि, अगर आपकी योजना भविष्य में पासपोर्ट, अंतरराज्यीय शैक्षणिक संस्थानों, या विदेश संबंधी दस्तावेज़ों में नाम अपडेट कराने की है, तो केंद्रीय गजट अधिक उपयुक्त और सर्वमान्य विकल्प माना जाता है।
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नाम परिवर्तन की प्रक्रिया भले ही थोड़ी विस्तृत और कानूनी रूप से गंभीर हो, लेकिन सही मार्गदर्शन और सही कदमों के साथ यह पूरी तरह सरल भी हो सकती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न 1. मैं कितनी बार नाम बदल सकता हूँ?
उत्तर: केवल 2 बार नाम बदलने की अनुमति है।
प्रश्न 2. मेरा आवेदन रिजेक्ट हो गया, क्या करूँ?
उत्तर: कारण जानें, दस्तावेज़ सही करें और दोबारा आवेदन करें। ऑफलाइन तरीका आज़माएं।
प्रश्न 3. क्या बिना दस्तावेज़ के नाम बदला जा सकता है?
उत्तर: नहीं, POI दस्तावेज़ अनिवार्य है।
प्रश्न 4. क्या मोबाइल से नाम अपडेट कर सकते हैं?
उत्तर: हाँ, यदि मोबाइल लिंक है तो वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं।
प्रश्न 5. शादी के बाद नाम बदलना है तो क्या करना होगा?
उत्तर: विवाह प्रमाणपत्र और पति के दस्तावेज़ लगाएं।