लिव-इन रिलेशनशिप आवेदन

     

    एलएसओ लीगल लिव-इन रिलेशनशिप प्रमाणपत्र के लिए एक सशक्त कानूनी पहल

    एलएसओ लीगल (Life Saving Organization) उत्त्पति की अवधारणा में भारतीय संविधान की मूल भूमिका रही है, जिसके अंतर्गत प्राप्त मौलिक अधिकार (भारतीय संविधान के भाग III, अनुच्छेद 12 से 35 तक, जो समानता, स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता, शोषण से सुरक्षा, सांस्कृतिक एवं शैक्षिक अधिकार तथा संवैधानिक उपचारों का प्रावधान करता है) शामिल हैं, जो देश में सभी नागरिकों को न्यायपूर्ण और समान कानूनी सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार सुनिश्चित करते हैं। इस संवैधानिक अधिकार के तहत तथा भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs, भारत सरकार, स्थापित 1947) के अंतर्गत, LSO लीगल को विधिक सेवा प्रदाता कंपनी के रूप में पंजीयन प्रदान किया गया है और इसके द्वारा विधिक सेवा के क्षेत्र में व्यवस्थित एवं प्रभावी संचालन किया जा रहा है।” है। LSO LEGAL भारत सरकार द्वारा पंजीकृत वैधानिक संस्था है जिसके द्वारा विधिपूर्वक वैधानिक स्वरुप मे आपके दस्तावेजों मे नाम परिवर्तन अथवा संसोधन की कार्यवाही पूर्ण कराई जाती है। LSO लीगल ने विधिक सेवा के क्षेत्र में पंजीयन के उपरांत क्रियान्वयन करते हुए भारत के प्रत्येक राज्य एवं जिलों में 30 वर्षों से अधिक अनुभवी अधिवक्ताओं का एक सशक्तपैनलबनाया जा रहा है। इस पैनल के माध्यम से लिव-इन रिलेशनशिप प्रमाणपत्रअथवा दस्तावेजों में संशोधन से संबंधित समस्त विधिक प्रक्रिया संस्था  द्वारा स्वयं पूर्ण कराई जाती है, जिससे नागरिक को किसी भी प्रकार की अतिरिक्त प्रक्रिया करने की आवश्यकता नहीं होती।

    एलएसओ लीगल प्राइवेट लिमिटेड (LSO Legal Private Limited)
    भारत सरकार से पंजीकृत विधिक संस्था
    फ़ोन: 0755-4222969, 8109631969, 8085829369, 9171052281
    व्हाट्सएप: 8109631969
    वेबसाइट:www.lsolegal.com

    भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक कोस्वतंत्रता, समानता और गरिमा के साथ जीने का अधिकारप्रदान करता है।
    समाज की बदलती परिस्थितियों में, जब दो वयस्क आपसी सहमति और विश्वास के साथ बिना विवाह के एक साथ रहना चाहते हैं, तो यह उनका व्यक्तिगत अधिकार है — जिसे भारतीय न्यायपालिका ने भी मान्यता दी है।
    इसी वैधानिक और सामाजिक वास्तविकता को सशक्त रूप देने के लिएएलएसओ लीगल प्राइवेट लिमिटेडने शुरू की है —
    लिव-इन रिलेशनशिप सर्टिफिकेट सेवा (Live-in Relationship Certificate Service)”,
    जिसका उद्देश्य ऐसे जोड़ों कोकानूनी सुरक्षा, सामाजिक पहचान और दस्तावेज़ी प्रमाणप्रदान करना है।

    हमारा उद्देश्य

    एलएसओ लीगल का मुख्य उद्देश्य है —
    उन सभी जोड़ों को कानूनी रूप से सशक्त बनाना जो आपसी सहमति से एक साथ रहते हैं, ताकि उन्हें भविष्य मेंकानूनी जटिलताओं, सामाजिक विवादों या पहचान के संकटका सामना न करना पड़े।

    हमारी विशेषज्ञ टीम यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक आवेदनभारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार)के अनुरूप हो,
    जिसके तहत प्रत्येक नागरिक को अपनी व्यक्तिगत जीवन शैली चुनने की स्वतंत्रता प्राप्त है।

    हम क्या करते हैं

    एलएसओ लीगल केवल प्रमाणपत्र जारी नहीं करता, बल्कि पूरी प्रक्रिया कोविधिक रूप से वैध और दस्तावेज़ी रूप से सशक्तबनाता है।
    हमारा कार्य एफिडेविट तैयार करने से लेकर, दोनों पक्षों की पहचान और सहमति का सत्यापन करने तक फैला हुआ है।
    हम यह सुनिश्चित करते हैं किलिव-इन रिलेशनशिप सर्टिफिकेटको सरकारी, बैंकिंग, लीगल या व्यक्तिगत स्तर पर मान्यता प्राप्त दस्तावेज़ के रूप में उपयोग किया जा सके।

    हमारी प्रक्रिया के अंतर्गत —

    • दोनों पक्षों की आयु और पहचान का सत्यापन

    • आपसी सहमति का लिखित हलफ़नामा (Affidavit)
    • निवास प्रमाण और स्थायी पते की पुष्टि
    • संयुक्त घोषणा का विधिक ड्राफ्ट
    • और उसके पश्चात विधिवतलिव-इन रिलेशनशिप प्रमाणपत्रजारी किया जाता है।

    हमारा दृष्टिकोण

    एलएसओ लीगल का मानना है किसंबंधों में सम्मान और सुरक्षाकिसी भी सभ्य समाज की नींव है।
    लिव-इन रिलेशनशिप केवल साथ रहने की व्यवस्था नहीं, बल्कि एक भावनात्मक, सामाजिक और संवैधानिक सह-अस्तित्व का प्रतीक है।

    हम प्रत्येक मामले को न केवल कानूनी दृष्टि से, बल्किमानवीय संवेदना और व्यक्तिगत गरिमाके साथ संभालते हैं —
    ताकि हर जोड़े को अपने निर्णय परकानूनी भरोसा और सामाजिक सम्मानमिल सके।

    हमारा वादा

    एलएसओ लीगल का हर सदस्य इस सिद्धांत पर कार्य करता है —
    हर संबंध को मिले कानूनी सुरक्षा और हर व्यक्ति को मिले सम्मान।

    हम यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी व्यक्ति केवल सामाजिक दबाव या दस्तावेज़ी कमी के कारण अपने संबंध को प्रमाणित न कर सके —
    बल्कि उसे एक वैधानिक पहचान मिले जो भविष्य में उसके अधिकारों की रक्षा कर सके।

    एलएसओ लीगल प्राइवेट लिमिटेड

    भारत सरकार केकॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs, स्थापित 1947)से पंजीकृत
    एलएसओ लीगल प्राइवेट लिमिटेडएक मान्यता प्राप्त कानूनी संस्था है,
    जो संविधान के अनुच्छेद14, 19 और 21के मूल्यों को व्यवहारिक रूप से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

    हमारा मिशन है —
    संबंधों को कानूनी सुरक्षा देना, ताकि विश्वास और सम्मान हमेशा सुरक्षित रहें।

    एलएसओ लीगल (Life Saving Organisation) – लिव-इन रिलेशनशिप सर्टिफिकेट सेवा

    एलएसओ लीगल की स्थापना भारतीय संविधान की उस भावना पर आधारित है
    जो नागरिकों को अपनी जीवनशैली और संबंधों को स्वतंत्र रूप से चुनने का अधिकार देती है।

    भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है —
    किसी भी व्यक्ति को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा, सिवाय विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के।

    एलएसओ लीगल का विश्वास है कि यह अधिकार केवल “जीवित रहने” का नहीं, बल्कि
    अपनी पसंद के साथ सम्मानपूर्वक जीवन जीनेका अधिकारभी है।

    लिव-इन रिलेशनशिप प्रमाणपत्र क्या है?

    लिव-इन रिलेशनशिप प्रमाणपत्र एकवैधानिक दस्तावेज़है,
    जो यह प्रमाणित करता है कि दो वयस्क व्यक्ति अपनीस्वेच्छा, सहमति और विश्वाससे एक साथ रह रहे हैं।

    यह प्रमाणपत्र कई कानूनी और प्रशासनिक स्थितियों में उपयोगी होता है, जैसे —

    • पुलिस सत्यापन या किराये के अनुबंध (Rent Agreement)
    • बैंक या पासपोर्ट रिकॉर्ड अपडेट
    • अस्पताल या बीमा संबंधी दस्तावेज़
    • आपसी अधिकारों या भविष्य की कानूनी प्रक्रिया के लिए साक्ष्य के रूप में

    एलएसओ लीगल की भूमिका

    एलएसओ लीगल इस पूरी प्रक्रिया कोसरल, सुरक्षित और वैधानिकबनाता है।
    हमारी टीम प्रत्येक आवेदन की गहन जाँच करती है और यह सुनिश्चित करती है कि दोनों पक्षों की सहमति स्वैच्छिक, पूर्ण और लिखित हो।

    एफिडेविट तैयार होने के बाद, दोनों पक्षों के दस्तावेज़ों की पुष्टि की जाती है,
    और विधिवत प्रारूप मेंलिव-इन रिलेशनशिप प्रमाणपत्रजारी किया जाता है,
    जो एक आधिकारिक वैध दस्तावेज़ के रूप में मान्य होता है।

    एलएसओ लीगल द्वारा संचालित प्रक्रिया (Step-by-Step Process)

    प्रथम चरण विवरण और सत्यापन
    दोनों पक्षों की आयु, पहचान, पता और वैवाहिक स्थिति का सत्यापन किया जाता है।

    द्वितीय चरण सहमति एवं घोषणा का ड्राफ्ट
    दोनों पक्षों की स्वेच्छा से संबंध में रहने की लिखित सहमति तैयार की जाती है।

    तृतीय चरण एफिडेविट एवं विधिक सत्यापन
    एलएसओ लीगल द्वारा तैयार प्रारूप पर शपथपत्र (Affidavit) तैयार कराया जाता है और नोटरी अथवा प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के समक्ष सत्यापित कराया जाता है।

    चतुर्थ चरण दस्तावेज़ प्रस्तुतिकरण
    सत्यापन के उपरांत सभी दस्तावेज़ संकलित कर सुरक्षित रिकॉर्डिंग की जाती है।

    पंचम चरण प्रमाणपत्र निर्गमन (Certificate Issuance)
    विधिक औपचारिकताओं की पूर्ति के पश्चात दोनों पक्षों के नाम से
    लिव-इन रिलेशनशिप प्रमाणपत्रजारी किया जाता है।

    आवश्यक दस्तावेज़ सूची (Required Documents)

    • दोनों पक्षों के आधार कार्ड / पैन कार्ड
    • पासपोर्ट आकार की फोटो (दोनों की)
    • पता प्रमाण (रेंट एग्रीमेंट / बिजली बिल / समग्र आईडी)
    • जन्म प्रमाणपत्र / आयु प्रमाण
    • शपथपत्र (Affidavit)
    • संयुक्त घोषणा पत्र (Mutual Consent Letter)

    गोपनीयता और सम्मान हमारी प्राथमिकता

    एलएसओ लीगल यह सुनिश्चित करता है कि दोनों पक्षों की व्यक्तिगत जानकारी और दस्तावेज़पूर्ण गोपनीयता और सुरक्षामें रखे जाएं।
    हमारा विश्वास है —
    हर संबंध निजी है, और उसकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी।

    घर बैठे सेवा (Door-to-Door Legal Assistance)

    हम समझते हैं कि कई जोड़े व्यक्तिगत या सामाजिक कारणों से सार्वजनिक रूप से आवेदन नहीं करना चाहते।
    इसीलिए एलएसओ लीगल प्रदान करता है —
    घर बैठे विधिक सहायता, जहाँ हमारी टीम आपके दस्तावेज़ एकत्र कर पूरी प्रक्रिया आपके घर पर ही पूर्ण करती है।

    हमारा उद्देश्य संबंधों को कानूनी सुरक्षा देना

    एलएसओ लीगल का उद्देश्य केवल प्रमाणपत्र जारी करना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि
    हर लिव-इन कपल को उनके संबंध की कानूनी मान्यता, सुरक्षा और सम्मान मिले।

    हम मानते हैं —
    जब विश्वास का संबंध कानूनी सुरक्षा पाता है, तभी प्रेम और गरिमा दोनों सुरक्षित रहते हैं।

    लिव-इन रिलेशनशिप सर्टिफिकेट के लिए आवेदन: आपकी संपूर्ण गाइड

    क्या आप भारत में लिव-इन रिलेशनशिप सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना चाहते हैं या लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट बनवाना चाहते हैं? बदलते सामाजिक परिवेश में बिना विवाह साथ रहना अब अधिक सामान्य हो गया है। हालांकि, आपके अधिकार, कानूनी प्रभाव और लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण की प्रक्रिया समझना बेहद महत्वपूर्ण है।

    LSO Legal में, हम लिव-इन रिलेशनशिप से संबंधित सभी कानूनी औपचारिकताओं में आपकी सहायता करते हैं, ताकि आपके अधिकार पूरी तरह सुरक्षित रहें। विशेषज्ञ मार्गदर्शन और आसान प्रक्रिया के लिए आज ही हमसे संपर्क करें।
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    लिव-इन रिलेशनशिप क्या है?

    लिव-इन रिलेशनशिप वह व्यवस्था है जिसमें दो वयस्क बिना विवाह किए दीर्घकालीन संबंध में साथ रहने का निर्णय लेते हैं। ऐसे संबंधों को 'लिविंग टुगेदर रिलेशनशिप' भी कहा जाता है। भारतीय कानून के तहत इन्हें बढ़ती हुई मान्यता मिल रही है, लेकिन एक लिव-इन पार्टनर के रूप में अपने अधिकारों की जानकारी होना जरूरी है।
    कानूनी एग्रीमेंट ड्राफ्ट कराने में मदद चाहिए? LSO Legal आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप एक व्यापक लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट तैयार करने में आपकी मदद कर सकता है।
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    भारत में लिव-इन रिलेशनशिप की कानूनी मान्यता

     
    भले ही भारत में लिव-इन रिलेशनशिप को विवाह की तरह औपचारिक मान्यता नहीं है, अदालतों ने कुछ मामलों में पार्टनर्स के लिए अधिकारों को स्वीकार किया है:
    पहले के जीवनसाथी से तलाक लिए बिना भी युगल एक नए लिव-इन संबंध में शामिल हो सकते हैं।
    भारत का सर्वोच्च न्यायालय दीर्घकालीन लिव-इन संबंधों में महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्रदान करता है।
    विशेष परिस्थितियों में अदालतें भरण-पोषण और उत्तराधिकार के दावों के लिए लिव-इन संबंधों पर विचार कर सकती हैं।
    LSO Legal आपको कानूनी ढांचे के माध्यम से मार्गदर्शन करता है, ताकि एक लिव-इन पार्टनर के रूप में आपके अधिकार पूरी तरह सुरक्षित रहें। व्यक्तिगत कानूनी सहायता के लिए आज ही हमसे संपर्क करें।
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    लिव-इन रिलेशनशिप रजिस्टर क्यों करें
     
    हालाँकि लिव-इन रिलेशनशिप कानूनी है, लेकिन लिव-इन रिलेशनशिप सर्टिफिकेट के माध्यम से अपने संबंध को पंजीकृत कराने से कई लाभ मिलते हैं:
    आपके संबंध की कानूनी पहचान
    विवाद की स्थिति में सुरक्षा
    संपत्ति, वित्त या भरण-पोषण दावों के लिए दस्तावेज़ी प्रमाण
    अलगाव की स्थिति में आसान समाधान
    हमारी LSO Legal टीम आपको लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट ड्राफ्ट करने और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को कुशलतापूर्वक पूरा करने में मदद करती है। अपने अधिकार सुरक्षित करने के लिए अभी संपर्क करें।
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    लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट: आपको क्या जानना चाहिए
     
    लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट एक कानूनी दस्तावेज़ है जिसे दोनों पार्टनर अपने हितों की सुरक्षा के लिए हस्ताक्षर करते हैं। इस एग्रीमेंट में प्रमुख बिंदु शामिल हो सकते हैं:
    वित्तीय जिम्मेदारियाँ
    संपत्ति का स्वामित्व
    बच्चों की देखभाल और कस्टडी (यदि लागू हो)
    अलगाव की स्थिति में अधिकार
    आपसी सहमति की शर्तें
    अपने संबंध को असुरक्षित न छोड़ें। LSO Legal आपको एक मजबूत और कानूनी रूप से वैध एग्रीमेंट तैयार करने में मदद कर सकता है जो दोनों पार्टनर्स की सुरक्षा करता है। आज ही संपर्क करें!
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    भारत में लिव-इन रिलेशनशिप सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कैसे करें
     
    लिव-इन रिलेशनशिप सर्टिफिकेट के लिए आवेदन की प्रक्रिया सरल है, हालांकि राज्यों के अनुसार इसमें थोड़ी भिन्नता हो सकती है। यहाँ सामान्य चरण दिए हैं:
    Step 1: पात्रता
    दोनों पार्टनर वयस्क (18+ वर्ष) होने चाहिए।
    वे दीर्घकालीन लिव-इन संबंध में होने चाहिए।
    किसी भी पार्टनर का किसी और से विवाह नहीं होना चाहिए।
    Step 2: दस्तावेज़ तैयार करें
    आपको इन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:
    ID प्रूफ (आधार, पैन, पासपोर्ट)
    पते का प्रमाण
    आपसी सहमति का शपथ-पत्र (Affidavit)
    युगल के फ़ोटोग्राफ़
    गवाहों के बयान (वैकल्पिक, पर अनुशंसित)
    Step 3: लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट ड्राफ्ट करें
    इस औपचारिक एग्रीमेंट को कानूनी वैधता के लिए नोटराइज़ कराया जा सकता है।
    Step 4: आवेदन जमा करें
    दस्तावेज़ स्थानीय प्राधिकरण/रजिस्ट्रार के पास जमा करें जो लिव-इन रिलेशनशिप पंजीकरण संभालते हैं।
    निर्धारित शुल्क जमा करें (राज्य के अनुसार अलग हो सकता है)।
    Step 5: सत्यापन और सर्टिफिकेट जारी होना
    प्राधिकरण संबंध और दस्तावेज़ों का सत्यापन कर सकते हैं।
    स्वीकृति मिलने पर लिव-इन रिलेशनशिप सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।
    LSO Legal इस पूरी प्रक्रिया को आपके लिए आसान बनाता है, सुनिश्चित करता है कि सभी दस्तावेज़ सही और पूर्ण हों। बिना झंझट पंजीकरण शुरू करने के लिए आज ही संपर्क करें।
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    भारत में लिव-इन रिलेशनशिप के नियम

    लिव-इन रिलेशनशिप के नियम समझना आवश्यक है:
    अवधि: सामान्यतः 2 वर्ष या उससे अधिक की अवधि वाले संबंध को दीर्घकालीन माना जाता है।
    आपसी सहमति: दोनों पार्टनर्स स्वेच्छा से सहमत हों।
    आयु: दोनों पार्टनर्स कानूनी आयु के हों (महिलाओं के लिए 18+, कुछ मामलों में पुरुषों के लिए 21+)।
    अधिकार संरक्षण: अदालतें लिव-इन संबंधों में महिलाओं को घरेलू हिंसा और शोषण से सुरक्षा देती हैं।
    संपत्ति और भरण-पोषण: अधिकार विशेष परिस्थितियों में दिए जाते हैं; इन्हें लिव-इन एग्रीमेंट में स्पष्ट करना बेहतर है।
    नियमों पर मार्गदर्शन चाहिए? LSO Legal के विशेषज्ञ आपकी सहायता को तैयार हैं। आज ही कॉल या मैसेज करें।
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    बिना विवाह साथ रहना: आम मिथक
     
    कई लोग मानते हैं कि भारत में बिना विवाह साथ रहना अवैध या अनैतिक है। आइए कुछ मिथकों को दूर करें:
    Myth: लिव-इन रिलेशनशिप को कानून मान्यता नहीं देता।
    Fact: अदालतें घरेलू हिंसा और भरण-पोषण कानूनों के तहत सुरक्षा प्रदान करती हैं।
    Myth: लिव-इन संबंधों में महिलाएं अधिकारों का दावा नहीं कर सकतीं।
    Fact: विशेषकर दीर्घकालीन संबंधों में महिलाओं को सुरक्षा और अधिकार प्राप्त हैं।
    Myth: लिव-इन संबंधों से जन्मे बच्चे अवैध माने जाते हैं।
    Fact: बच्चों के पूर्ण अधिकार भारतीय कानून के तहत सुरक्षित हैं।
    LSO Legal सुनिश्चित करता है कि आप अपनी कानूनी स्थिति स्पष्ट रूप से समझें, ताकि आप आत्मविश्वास और सुरक्षा के साथ साथ रह सकें। पेशेवर सहायता के लिए हमारी टीम से आज ही संपर्क करें।
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    अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
     
    1. लिव-इन रिलेशनशिप सर्टिफिकेट क्या है?
    लिव-इन रिलेशनशिप सर्टिफिकेट दो वयस्कों के बीच बिना विवाह किए दीर्घकालीन सह-निवास को मान्यता देने वाला कानूनी दस्तावेज़ है। यह अधिकारों और जिम्मेदारियों को स्थापित करने में मदद करता है।

    2. भारत में लिव-इन रिलेशनशिप सर्टिफिकेट के लिए मैं कैसे आवेदन कर सकता/सकती हूँ?
    ID और पते के प्रमाण, फ़ोटोग्राफ़ और नोटराइज़्ड लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट के साथ स्थानीय प्राधिकरण के पास आवेदन जमा करें। LSO Legal हर चरण में आपकी मदद कर सकता है।

    3. क्या भारत में लिव-इन रिलेशनशिप कानूनी है?
    हाँ, दीर्घकालीन लिव-इन संबंधों को कानूनी रूप से मान्यता मिलती है और अदालतें घरेलू हिंसा व शोषण के खिलाफ सुरक्षा देती हैं।

    4. क्या लिव-इन पार्टनर भरण-पोषण का दावा कर सकता/सकती है?
    हाँ, भारतीय अदालतों द्वारा निर्धारित कुछ परिस्थितियों में दीर्घकालीन लिव-इन संबंधों में रह रही महिलाओं को भरण-पोषण का अधिकार मिल सकता है।

    5. क्या लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट आवश्यक है?
    अनिवार्य नहीं, लेकिन यह दोनों पार्टनर्स के कानूनी और वित्तीय अधिकारों की सुरक्षा करता है। हमारी LSO Legal टीम आपके लिए कस्टमाइज्ड एग्रीमेंट तैयार कर सकती है।

    6. क्या एक विवाहित व्यक्ति लिव-इन रिलेशनशिप में प्रवेश कर सकता/सकती है?
    नहीं, किसी और से विवाह होते हुए लिव-इन संबंध में प्रवेश करना कानूनी रूप से जटिल होता है और सामान्यतः मान्य नहीं माना जाता।
    सभी प्रश्नों और कानूनी सहायता के लिए आज ही LSO Legal से संपर्क करें। हम प्रक्रिया को सरल, तेज़ और सुरक्षित बनाते हैं।
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    निष्कर्ष
    आधुनिक भारत में लिव-इन रिलेशनशिप सामान्य होती जा रही है, लेकिन अपने अधिकारों की सुरक्षा बेहद आवश्यक है। चाहे आप लिव-इन रिलेशनशिप सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना चाहें, लिव-इन एग्रीमेंट ड्राफ्ट कराना चाहें, या इसके नियम समझना चाहें—कानूनी कदम उठाने से दोनों पार्टनर्स के लिए स्पष्टता और सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
    LSO Legal लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़ी सभी कानूनी सेवाओं में आपका विश्वसनीय साझेदार है। आज ही हमें कॉल करें या हमारा कॉन्टैक्ट फ़ॉर्म भरें, परामर्श शेड्यूल करें, और आत्मविश्वास के साथ अपने अधिकार सुरक्षित करें।
    व्यक्तिगत जानकारी
    साथी (A)
    साथी (B)
    रिश्ते का विवरण
    दस्तावेज़ संलग्न करें
    जैसे: जन्म प्रमाणपत्र/10वीं मार्कशीट/पासपोर्ट
    जैसे: जन्म प्रमाणपत्र/10वीं मार्कशीट/पासपोर्ट
    (B) गवाह (2) – अनिवार्य
    गवाह 1
    गवाह 2
    Free Legal Advice
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